Tuesday, September 20, 2011

जीवन ज्योत









जाने की रुथ आई है
खामोशी सी छाई है
बीते हुए कल की
धुंधली सी परछाई में

इस जहां में आए है
खुशियों के गीत गुनगुनाये हैं
अब बिछड़ने की बेला है
नगमो से दिल भर आई है

हर लम्हा की दास्ताँ
जीने की दे वसतां
खुशियाँ हो या हो गम
तय करनी है मंजिलों की और रास्ता

न कोई शिकवा, न कोई गिला
गले से लगाया जो भी मिला
इन आँसुयों का गम न करना
हर दर्द में छुपी है एहसास अपना

रब से एक ही दुया है
जीवन ज्योत जलाना है
सबके दिल को जीत कर
इस जग से जाना हैं

2 comments:

  1. Beautiful!!! A true meaning of life with touch of sadness in it. Good work, keep it up...

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  2. Thnx Nains for yr words of appreciation!!!
    Life is a misery, but when we r able to overcome those miseries with our inner Light within, life becomes a Celebration!!!!

    That Light enlightens us all the more! :)

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