Thursday, June 13, 2013

मुक्त हूँ , उन्मुक्त हूँ मैं

मुक्त हूँ  , उन्मुक्त हूँ मैं 

आज़ादी की पहचान हूँ मैं 

  

खुली गगन  में ताज़गी जैसे 

उड़ती हुई करार हूँ मैं 

 

अपने ही धुन में चलने वाली 

मतवाली शाम हूँ मैं 

 

नाम नहीं बेनाम  हूँ मैं 

गुमनामियों में बदनाम हूँ में 

दरिया में भटकती हुई 

कश्ती का किनारा हूँ मैं 

 

अरमानो के सिसकते हुए 

आंसुयों  का फ़रियाद हूँ में 

मायूसी की परछाई में 

महकती हुई  ख्वाब हूँ मैं 

 

निराशा में आशा की किरण जैसे 

बुलंद हौंसलों का  आवाज़ हूँ मैं 

दरिंदो की हैवानियत के लिए 

औजारों सी धार हूँ में 

 

धुंदली हुई अतीत के 

रोशन सी वर्तमान हूँ मैं 

 

निराकार में आकार हूँ मैं 

नित्य नवनीत चेतना में 

निरंतर निःशेष  काल हूँ मैं 








 

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