Friday, December 18, 2015

नए साल का सिलसिला

कोई भी त्यौहार हो --- आम तोर पे, हर घर में  पति पत्नी के बीच एक  नयी tension   खड़ी  हो जाती हैं।
अब आप बोलोगे कैसा टेंशन... तो आप खुद ही देख लीजिये...

यहाँ एक मोहतरमा ऑनलाइन शॉपिंग कर रही है...

पत्नी- जानू, ज़रा इधर तो आना 
पति- हाँ जान , क्या बात हैं 
पत्नी- में online एक साडी  खरीद रही हूँ.  बताओ न कौनसी साड़ी सुन्दर हैं.... यह वाली या वह वाली 
पति- कोई भी लेलो जान , दोनों ही सुन्दर हैं 
पत्नी- न न , कोई एक बताओ, यह लू के वो लू... 
पति- हम्म्म , अच्छा , यह वाली  ले लो 
पत्नी- लेकिन मुझे तो यह वाली  पसंद आई  हैं, तुम्हे यह वाली अच्छी नहीं लगी क्या ? 
पति- अरे बाबा, में काम करके थक के आया  हूँ,  मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा।  अब ये  तुम्हारी भी  ड्यूटी करूँ ।  तुम्हे जो अच्छा लगे ले लो न 
पत्नी- लेकिन जानू, तुमने जो पसंद किया वह थोड़ी महँगी  है, और मैंने जो सिलेक्ट  किया वह सस्ती  हैं। 
पति- ओफ़्फ़ो !!!  महँगी  हो या सस्ती जो पसंद है तुम्हे  ले लो न जान, मेरा जान छोड़ो !!! 
पत्नी- बोलो न कौनसा लू? ऐसा क्यों कर रहे हूँ जानू?
पति- अरे तुम्हारा प्रॉब्लम क्या हैं जान?  दो दिन पहले पूंछा था , अंडा चाहिए या chicken , तो मैंने chicken  बोला , और तुम बाजार से मछली ले आई।  और कल क्या हुआ, तुमने पूंछा पालक चाहिए  या सरसों का साग  तो मैंने  डर के मारे कुछ बोला ही नहीं।  तो तुम दोनों  उठा लायी।  अगर में  बोला होता पालक तो सरसों ही  लाती।  आज.....  आज तुम्हे यह साड़ी मिल गया।  ..........  मेरा सर खाने के लिए 
पत्नी- (रोना)  एक साड़ी की ही तो बात की थी।  तुम इतना भाव  क्यों  खा रहे  हो? तुम्हारे लिए ही तो में सजती-सवर्ती हूँ, और तुम  मुझपे इतना गुस्सा करते हो ......!!! Feeling  भी तो कोई चीज़ होती है New Year  के लिए एक साडी खरीद रही थी  ....... जाओ हटो,  सारा मज़ा किरकिरा कर दिया... 
पति- सिर्फ एक दिन  की बात होती तब न। ....... , पर तुम्हारी फरमाइशें  तो साल भर चलती रहती है।  
मैंने तुम्हे कभी तंग किया यह पूंछके की कौनसा कलर का जीन्स पेहनू, लाल या काला  , कौनसा टी शर्ट लू, फुल स्लीव्स या हाफ स्लीव्स? कौनसा जूता  पेहनू.... तुम्हारा तो नॉन स्टॉप चलता रहता हैं.... 
पत्नी- ऐसा  मैंने क्या गलत कह दिया की तुम सर पे आसमान उठा रहे हो तुम्हारी परवाह करती हूँ इसलिए तो तुम्हारी राय  ले रही थी।  
पति- पूंछने की  भी limit  होती  है जान , तुम तो सारे हदें पार कर लेती हो।  ... अब देखो मोबाइल की दूकान लगा दिया घर पे ! अगर मेरा फ़ोन हाथ लग गया तो। ......... घर पे महाभारत शुरू हो जाता हैं....! चेक  करती रहती हो कही कोई लड़की ने कोई  मैसेज नहीं किया, ... 
खुद ही इतने मैसेज भेजती हो की भूल जाती हो की खुद ही ने भेजा है।  और फिर मुझे पे चिल्लाती हो।  सवालो का ढेर लगा देती हो... ये किसने भेजा, कब भेजा, क्यों भेजा.... 
मेरा लाइफ तो एक जेल खाना बन गया है, जिसमे तुम jalier  और मैं क़ैदी !!!!
पत्नी- इतनी छोटी सी बात का तुमने बतंगड़ बना दिया।  एक साड़ी की तो बात पूँछी थी... 
पति- तुम्हारे लिए छोटी सी बात होगी, मेरे लिए नहीं।  जब बोल दिया यह खरीद लो तो नहीं, तुम्हे दूसरा ही लेना है, तो फिर मुझसे पूंछती ही क्यों हो? ... तुम्हारी वज़ह  से मेरा हर दिन टेंशन में गुज़रता हैं।  
पत्नी- ऐसा क्यों कह रहे हो जानू? में क्या इतनी बुरी हूँ।  तुम्हारे लिए तो सजती हूँ। और तुम्हे मुझी से tension  है। 
पति- बात सिर्फ़ साड़ी की नहीं हैं, तुम तो हर दिन लाखो सवाल खड़े कर देते हो।  कभी यह चाहिए, तो कभी वो ! कभी यह करो तो कभी वो करो।  मेरा लाइफ तो  bus में सफर करने वाला सवारी के जैसे हो गयी हैं जिसका  कभी stop  ही नहीं आता, बस तुम्हे suffer करता रहता  हूँ ज़िन्दगी भर!
पत्नी- बहुत हो गयी तुम्हारी बक बक.... जाओ में तुमसे नहीं बोलती ! साड़ी का झंजट ही ख़त्म कर देते हैं। अब से में जीन्स पहनूंगी।  



पति- देखा दोस्तों!!! बेचारे पति की तो बोलती बंद हो जाती हैं।   इन्हें जान बनाकर, अपनी  जान आफत में लेके  ज़िन्दगी गुज़रती हैं।  

















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