Friday, July 31, 2020

बातें

बातें

कुछ बातें कही नहीं जाती
जो दिल से बयान हो जाते है
कई बार कही हुई बातों को
जानबूझके अनसुना किया जाता हैं

ख़ैर  बातों  से एक बात याद आई 
बातों में कुछ तो बात है
लिखने पढ़ने से बढ़कर
उसकी भी औकाद हैं

बातों का क्या? वह तो बिन कहें भी उमड़  पढ़ती
ज़ुबाँ पे चुप्पी साधी तो, ख़ामोशी से बोल पड़ती
या फिर एक लम्बी गहरी साँस लेके एहसास की दास्ताँ सुनाती
आपके अंदाज़  बातों से ही बयान हो पाती

कहते हैं, बेज़ुबान के भी जुबान होती हैं
आह भरते रह गए जो, निगाहों से कहाँ  करते हैं
आईना  भी बोल पड़ती है,
और कुछ लोग ऐसे हैं
जो कशमकश में कहते कहते रह जाते हैं

चाहती  तो बहुत कुछ बताती,
ग़ौर फरमाईयेगा, कुछ और सुनाती
पर जबसे बातो के जगह चैटिंग की दौड़ चल पड़ी
लिखना बड़ा कूल हो गया
अमा कहना सुनना  फिज़ूल हो गया
यूँ  तो बातों में दम हैं, वरना चन्न  लकीरो से  क्या कम हैं ?

ज्युँही  लिखावट में तेज़ी आई,
त्योंही कहावत में गिरावट
कहते हैं किस्मत के लिखे को कौन मिटा सकता हैं
अब इस कहावत की मिशाल कौन नकार सकता हैं

और रही बातों की बात
वह तो अभी भी किस्सों का हिस्सा हैं
बातों का क्या , आती जाती चलती रहेगी
जब तक है ज़ूबान , बाते बनी रहेगी हम्हारी शान!






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