जागो आयो उठो बढ़ो
करलो यह स्वीकार
वक़्त है कुछ करने का
यमुना का उद्धार
कसम तुम्हे है यमुना का
फिर से निर्मल बनाए
सदियों से बहती यमुना
हर प्राणी की जान
प्रकृति से वरदान मिला है
करो सही सम्मान
कसम तुम्हे है यमुना को
फिर से निर्मल बनाये
कल तक थी जो खुशहाली में
खो न दे उसका निशाँ
जागो साथी उठो बचा लो
यह है हुम्हारी शान
आयो मिलकर करे यह प्राण
करके अपना सब कुछ अर्पण
या देकर अपना अपनत्व
बचाए यमुना का अस्तित्व
कसम तुम्हे है यमुना को
फिर से निर्मल बनाये
जिसकी अमृत धारा में
लाखों पुण्य कमाँए
उसके पावन जल में
कैसे दूषण फैलाएं
कसम तुम्हे है यमुना का
फिर से निर्मल बनाये
रक्षा करो, उपेक्षा नहीं
जो है जीवन दायिनी
मुक्त करो विशुद्ध नहीं
यह है धरोहर हम्हारी
कसम तुम्हे है यमुना का
फिर से निर्मल बनाये
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