बड़ी बेसबब सी ज़िन्दगी
इस ज़िन्दगी में जीने का
कुछ तो मज़ा आए ?
कही कुछ पल
एसे बीते
गमो के अंधेरों में
गर्दिश जैसे
आ रुका वहीँ मैं
उस पल
सोच में डूबा
आगे कुछ कर
ज़िन्दगी यूँ ही न गुज़रे !
मौसम बदले
कश्ती बदले
कहीं पे अपनी
मंजिल बदले
ढूँढ लिया अब
खुशियों का आशियाना
दूर नहीं बस
नज़दीक हैं राहें !
मैं चला अब
रोक लो मुझको
जो मैंने तो अब
अपनी उड़ान भर ली हैं !!!!
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