उसूलों की बात करें तो बहुत कमीया दिखती है
अहंकार थोड़ी बहुत सज्जनों में भी होती है
कौन कहता है कि शोलो में सिर्फ जलने की आग है
आग के दरिया में डूबे तो, बूझते आग भी भड़कति है
गम नहीं मिट जाने का इस भीड़ की आबादी में
गुमसुदा होके भी अक्सर
यादों में रह जाते हैं
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